बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
गौतम बुद्ध की मृत्यु के बाद उनके अनुयायियों ने उनके शरीर को 8 भागों में बांट कर उनपर आठ स्तूपों का निर्माण करवाया था।
भगवान बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ गौतम था, जिसमें बुद्ध उनके लिए सम्मान जनक उपाधि है। बुद्ध या भगवान बुद्धकोई व्यक्तिगत नाम नहीं है
बौद्ध धर्म की कोई एक ग्रंथ नहीं है, बल्कि इस धर्म में अनेकों धर्म ग्रंथ हैं,बौद्ध धर्म के सभी महत्वपूर्ण ग्रंथों में सबसे जरूरी त्रिपिटक ग्रंथ को माना गया है।
भगवान बुद्ध का जन्म भारत में नहीं बल्कि नेपाल के लुम्बिनी में वैशाख पूर्णिमा के दिन एक बगीचे में हुआ था।
बौद्ध धर्म अन्य धर्म की तरह किसी व्यक्ति को एक निर्माता, भगवान या देवता में विश्वास नहीं रखता।
बौद्ध धर्म तीन मौलिक अवधारणाओं पर विश्वास रखता है जो कि इस प्रकार से है, पहला कुछ भी स्थायी नहीं है, दूसरा सभी कार्यों के परिणाम होते हैं और तीसरा इसे बदलना संभव है।
आधिकारिक तौर पर भूटान, कंबोडिया, श्रीलंका, थाईलैंड, लाओस और म्यांमार दुनिया के वह 6 देश हैं, जिन्हें बौद्ध राष्ट्र कहा गया है।
भगवान बुद्ध की पहली मूर्ति मथुरा कला के अंतर्गत बनी थी। मथुरा कला में सबसे ज्यादा बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण गांधार शैली के अंतर्गत किया गया था।
बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म और पहला प्रचारक धर्म भी था, जो अपने मूल स्थान से दूर-दूर तक पूरी दुनिया में फैल गया।